संजीव के. झा
अभिनेत्री समीक्षा भटनागर ने भले ही करियर की शुरुआत टेलीविजन शोज से की हो और ‘वीरा’, ‘बालवीर’, ‘उतरन’ ‘कुमकुम भाग्य’, ‘देवों के देव महादेव’ जैसे टीवी शोज में अपने दमदार किरदार और अभिनय से लोगों को मोहित भी किया हो, लेकिन कुछ समय से टीवी से ब्रेक लेकर वह फ़िल्म और ओटीटी प्लेटफार्म पर अपनी पहचान बनाने के प्रयास में जुटी हैं। वैसे, समीक्षा ने ‘पोस्टर बॉयज’ फिल्म के जरिये बॉलीवुड में डेब्यू किया था, जिसमें वह बॉबी देओल के अपोजिट थीं। हालांकि, समीक्षा की डेब्यू फिल्म टिकट खिड़की पर कुछ कमाल नहीं दिखा पाई, लेकिन समीक्षा ने इसमें अपने काम से फिल्मकारों को प्रभावित जरूर किया, जिसका उन्हें बेहतर परिणाम भी मिल रहा है। उनके हिस्से में एक अन्य फिल्म ‘कैलेंडर गर्ल’ भी है। अब तक कई फिल्में और वेब सीरीज में काम कर चुकी समीक्षा बहुत जल्द सस्पेंस थ्रिलर वेब सीरीज ‘मौका या धोखा’ में नजर आएंगी। ‘हंगामा’ पर 22 जून को रिलीज होने वाली इस सस्पेंस थ्रिलर वेब सीरीज में समीक्षा एक अलग अवतार में भी नजर आएंगी और उन्हें पूरा यकीन है कि अपने नए अवतार से वह दर्शकों का दिल जीतने में भी कामयाब होंगी।
अपने इस सस्पेंस थ्रिलर के बारे में समीक्षा भटनागर कहती हैं, ‘एक कलाकार के जीवन में ऐसा किरदार निभाने का मौका बहुत कम ही मिलता है, जिससे आप डरने के साथ ही उत्साहित भी होते हों।’ समीक्षा बताती हैं, ‘मुझे पानी से बहुत डर लगता है, लेकिन इस वेब सीरीज में काम करने के दौरान मैंने पानी से अपना डर दूर कर लिया है। हालांकि, यह आसान काम नहीं था और काफी डरावना भी था, लेकिन मैं उस पल को कभी नहीं भूल सकती, जब मुझे पानी से भरे टब में गिरा दिया गया था। मेरे हाथ—पांव बंधे हुए थे। सही शॉट पाने के लिए शॉट को कई बार दोहराया जाना था और मुझे एक ब्रेकपॉइंट पर ले जाया गया। बाद में मुझे एहसास हुआ कि यह सबसे यथार्थवादी अभिव्यक्ति पाने की योजना थी। अब मैं इस बात को जानने के लिए उत्साहित हूं कि दर्शकों को हमारा शो और हमारा काम कितना पसंद आता है।’
इस वेब सीरीज में समीक्षा भटनागर, हिमांशु मल्होत्रा, और आभास मेहता की भूमिका सस्पेंस की हर हदों को पार कर जाएगा और अंत तक दर्शको को बांधे रखेगा। इन तीनों मल्टी टैलेंटेड सितारों ने ‘मौका या धोखा’ के निर्माण के दौरान अनगिनत चुटकुले, शरारतें और प्रफुल्लित करने वाले क्षण साझा किए हैं। ऑनसेट सभी कलाकारों ने कई सारे ऐसे काम किए, जिसे करके उनको अपने आप पर गर्व महसूस हुआ। यहां तक कि अपने अंदर के डर को भी खत्म किया।
मूलत: देहरादून, उत्तराखंड की रहने वाली समीक्षा का स्पष्ट कहना है कि हर लड़की को बड़े—बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए प्रयास करने का हक है। सपनों का छोटे या बड़े जगह से कोई ताल्लुक नहीं होता। मेरे सपनों को पूरा करने में, मेरे पैशन को आगे बढ़ाने में मेरे पिता कृष्ण प्रताप भटनागर और मां कुसुम भटनागर ने पूरा सहयोग किया। मैंने अपनी मां से ही कत्थक नृत्य सीखा है। वह बचपन से कत्थक नृत्य करती रही हैं। उनकी इच्छा थी कि मैं भी कत्थक नृत्य सीखूं। मैं गाती भी हूं। समीक्षा कहती हैं, ‘देहरादून से दिल्ली आने के बाद मैंने काफी कुछ सीखा। कुछ समय बाद मैंने महसूस किया कि यदि मुझे रचनात्मक क्षेत्र में कुछ बेहतरीन काम करना है, तो दिल्ली से मुंबई जाना होगा। इसलिए मुंबई आ गई। मुंबई पहुंचते ही मुझे अच्छा रिस्पांस मिला। मुझे पहला टीवी सीरियल ‘एक वीर की अरदास वीरा’ करने का अवसर मिला और उसके बाद से लगातार आगे ही बढ़ रही हूं।