प्रतीक यादव से अपर्णा की मुलाकात लखनऊ में स्कूल के दिनों में हुई थी। उस वक्त दोनों एक स्कूल में नहीं पढ़ते थे लेकिन इंटर स्कूल के फंक्शन्स में मिला करते थे। उस वक्त अपर्णा को पता भी नहीं था कि वे मुलामय सिंह यादव के परिवार से आते हैं। साल 2001 में एक बर्थडे पार्टी में प्रतीक ने उनसे मेल आईडी मांगी थी। तब मोबाइल का जमाना नहीं था। जब अपर्णा ने अपना मेल देखा तो इनका मेलबॉक्स प्रतीक के मैसेज से भरा पड़ा था। जिसमें उन्होंने अपने प्यार का इजहार किया था।
दोनों एक-दूसरे के दोस्त बने रहे। दोनों ने 10 सालों बाद 2011 में सगाई की और फिर परिवार की मर्जी से साल 2012 में शादी कर ली। अपर्णा राजपूत परिवार से हैं जबकि पति प्रतीक, यादव हैं।
कोई भी महिला अगर यह इरादा कर ले कि उसे यह हांसिल करना है तो वह उसे हांसिल कर के ही रहती है। अपने आज के हालात पर मत जाइए क्योंकि आप आने वाले कल की हीरो हो सकती हैं। अपने हौंसले को बुलंद कीजिए, थोड़ी मेहनत कीजिए औऱ देखिए मंजिल आपका इंतजार कर रही है। आप आज कमजोर हो सकती हैं लेकिन कल को एक मजबूत महिला भी बन सकती हैं। यकीन ना हो तो आज की आदर्श मानी जाने वाली किसी भी महिला की कहानी पढ़ सकती हैं।
वैसे अपर्णा यादव ने तो अभी एक झलक ही दिखाई है इनकी असली उड़ान तो अभी बाकी है। अपने अधिकार के लिए अपनों के खिलाफ जाने की हिम्मत करना सबके बस की बात नहीं…मंजिल तो पाना ही है चाहें रास्ता क्यों न बदलना पड़े। महिला हैं तो किसी के हुकुम को मानकर गुलामी करेंगे, ये कैसे सोच लिया किसी ने?