2017 में जिस सीट से अपर्णा यादव चुनाव लड़ी थीं, बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने अपने बेटे मयंक यादव के लिए टिकट कि माग की है मांगा है। वैसे मेनका गांधी से एक कदम आगे बढ़ कर रीता बहुगुणा जोशी ने, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी को ये ऑफर किया है कि वो बेटे के टिकट के लिए संसद की सदस्यता से भी इस्तीफा देने के लिए तैयार हो सकती हैं।
अपर्णा यादव को लेकर बीजेपी की तरफ से बताया तो यही जा रहा है कि वो बगैर किसी शर्त के बीजेपी में आयी हैं। लेकिन तब क्या होगा अगर बीजेपी रीता बहुगुणा की शर्त न मानकर अपर्णा को तवज्जों देती है। फिर तो हो सकता है, वो भी स्वामी प्रसाद मौर्य और बाकियों की तरह अखिलेश यादव का रुख कर लें।
अगर कैंट से बीजेपी अपर्णा को टिकट देती है – और अखिलेश यादव को रीता बहुगुणा में पोटेंशियल समझ आता है तो वो उनके बेटे को टिकट दे सकते हैं। वहां उनका चांस भी ज्यादा है – क्योंकि 2017 में उनकी जीत में सिर्फ बीजेपी के टिकट की ही भूमिका नहीं रही।