रविवार को एक वर्चुअल रैली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (charanjit singh channi) को कांग्रेस पार्टी की ओर से सीएम कैंडिडेट (CM Candidate) होने का ऐलान किया। पंजाब कांग्रेस के अंदर पिछले कई दिनों से सीएम कैंडिडेट को लेकर आपसी खींचतान और मतभेद चल रही थी। हालांकि सीएम कैंडिडेट के लिए मुख्य मुकाबला पंजाब के सीएम चन्नी और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh sidhu ) के बीच ही था। लेकिन इससे पहले भी कई बड़े नाम अपना दांव खेल रहे थे। रविवार को राहुल गांधी ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए सीएम चन्नी को ही सीएम कैंडिडेट घोषित कर दिया। इससे सियासी हल्कों में इस बात को लेकर चर्चा है कि आखिर राहुल गांधी ने चन्नी को नवजोत सिंह सिद्धू के ऊपर क्यों तरजीह दी।
राज्य कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो चरणजीत सिंह चन्नी के अलावा राहुल गांधी के पास और कोई विकल्प भी नहीं था। चन्नी ही राज्य में कांग्रेस के लिए योग्य उम्मीदवार साबित हो रहे थे। अगर किसी अन्य को सीएम कैंडिडेट घोषित करते तो यह चुनाव से पूर्व पार्टी के लिए आत्महत्या साबित होती। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने स्पष्ट कहा कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी सीएम कैंडिडेट घोषित करती तो यह जनता के मूड को नजरअंदाज करना होता।
हालांकि कुछ महीने पहले तक चन्नी सिर्फ एक्सीडेंटल सीएम के तौर पर आए थे। लेकिन बहुत जल्दी उन्होंने अपनी साफ छवि और ताबड़तोड़ घोषणाओं से सबको पीछे छोड़ दिया और राज्य में काफी लोकप्रिय हो गए। कैप्टन अमरिंदर सिंह के जाने के बाद राहुल गांधी के सामने और कोई विकल्प भी नहीं बचा था। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले दिनों पंजाब के एजेंडे को लेकर कुछ ईमानदार प्रयास भी किए, लेकिन उनका बड़बोलापन और सबसे अलग राह ही उनके रास्ते की दीवार बन गई। एक कांग्रेस नेता ने बताया कि वह कुछ महीने पहले तक वे सिद्धू के साथ थे, लेकिन उनके रवैये मैं के सिवा कुछ नहीं है। वे कभी हम की बात नहीं करते। इसलिए अगर सिद्धू को सीएम कैंडिडेट घोषित किया जाता तो यह पंजाब कांग्रेस के लिए राजनीतिक आत्महत्या होती।