चुनावी तैयारियों के तहत बीजेपी ने पूरे यूपी को छह क्षेत्रों में बांट कर तैयारी शुरू कर दी थी। उसमें गोरखपुर-कानपुर क्षेत्र की जिम्मेदारी बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के पास है। ब्रज और पश्चिम क्षेत्र की जिम्मेदारी बड़े जोरो से अमित शाह और अवध-काशी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संभाल रहे है। जैसे जेपी नड्डा के हिस्से में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का क्षेत्र है, वैसे ही राजनाथ सिंह के पास प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र – और सबसे मुश्किल टास्क अमित शाह ने अपने हाथ में लिया है, जहां कृषि कानूनों की वापसी से पहले तक बीजेपी नेताओं का गांवों में घुसना तक मुहाल हो चुका था।
नड्डा वाले टास्क में अब योगी आदित्यनाथ को भी शामिल कर लिया गया है – पहले से ही गोरखपुर नगर विधानसभा क्षेत्र के गोरखनाथ बूथ संख्या-246 के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पन्ना प्रमुख के रूप में भी नियुक्ति हो चुकी है। गोरखपुर जिले में 9 विधानसभा सीटें हैं – और 2017 में इनमें से 8 बीजेपी के हिस्से में आयी थीं, इस बार तो पूरे सौ फीसदी रिजल्ट चाहिये होगा।
आज तक के मंच पर कुछ दिन पहले राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास आये थे। तब योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने की खूब चर्चा रही, लेकिन सत्येंद्र दास सहमत नहीं दिखे, बोले – ‘योगी जी को गोरखपुर में ही किसी स्थान से चुनाव लड़ना चाहिये… अयोध्या की स्थिति भी अन्य जगहों जैसी ही है। मतलब – गोरखपुर की तरह कहीं भी और पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।