आम आदमी पार्टी के नेताओं का सुर्खियों में बने रहना एक आम बात हैं क्योंकि आप पार्टी और विवादों का चोली दामन का साथ है। इसी कड़ी में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के कथित तौर पर शराब के नशे में दमदमा साहिब गुरुद्वारे में प्रवेश के मामले पर गुरुद्वारों की सबसे बड़ी संस्था सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने रुख नरम कर लिया है। दो दिन पहले एसजीपीसी ने भगवंत मान से माफी मांगने के लिए कहा था। लेकिन अब एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी का कहना है कि ये एक व्यक्ति और उसके गुरू के बीच का मामला है। हम इसमें आगे कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं।
ये घटना 14 अप्रैल को बैसाखी पर हुई थी। पंजाब के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान बठिंडा के तलवंडी साबो में तख्त दमदमा साहिब गए थे। उसके बाद अकाली दल के नेता सुखबीर बादल ने आरोप लगाया कि भगवंत मान शराब के नशे में थे। उन्होंने मुख्यमंत्री पर बेअदबी का आरोप लगाते हुए मेडिकल जांच करवाने की मांग की थी। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान पर लगे आरोपों को झूठा और निराधार करार दिया था। आप के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा था कि शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल का मुख्यमंत्री के खिलाफ झूठा प्रचार करना दुर्भाग्यपूर्ण है। सुखबीर को बेबुनियाद आरोप लगाने के बजाय सकारात्मक राजनीति करनी चाहिए।
इसके बाद शुक्रवार को एसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह, कनिष्ठ उपाध्यक्ष सुरिंदर सिंह और महासचिव करनैल सिंह ने प्रेस वार्ता करके दावा किया कि यह साफ दिखाई दे रहा था कि जब वह (पंजाब के सीएम) पत्रकारों से बात कर रहे थे तो शराब के नशे में थे। वह ठीक से बात भी नहीं कर पा रहे थे। यह न सिर्फ गुरू के घर का अपमान है बल्कि अनैतिकता की पराकाष्ठा भी है। भगवंत मान को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। बीजेपी नेता तेजिंदर पाल बग्गा ने तो भगवंत मान के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दे दी।