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गंभीर ने तोड़ी टीम इंडिया का कोच बनने पर चुप्पी

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टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने भारतीय क्रिकेट टीम के अगले मुख्य कोच बनने के बारे में पूछे गए सवालों को टालते हुए कहा कि वह इतने आगे के बारे में नहीं सोचते। लेकिन उन्होंने अपनी कोचिंग शैली के बारे में बात की जो ‘टीम को पहले रखने की विचारधारा’ पर आधारित है। गंभीर ने इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) को वर्चुअल इंटरव्यू दिया और उन्हें भारत के अगले कोच के तौर पर मजबूत दावेदार माना जा रहा है। T20 World Cup के बाद मौजूदा मुख्य कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।

नए कोच बनने पर गंभीर ने तोड़ी चुप्पी

42 वर्षीय गौतम गंभीर ने हाल ही में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को टीम मेंटर के तौर पर अपना तीसरा इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) खिताब जिताने में मदद की। जब गौतम गंभीर से कोच बनने की संभावना के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था, ‘मैं इतना आगे तक का नहीं देखता। आप सभी मुझसे मुश्किल सवाल पूछ रहे हैं। अभी इसका जवाब देना मुश्किल है। मैं बस इतना कह सकता हूं कि मैं अभी खुश हूं, एक शानदार सफर अभी खत्म हुआ है और मैं इसका लुत्फ उठा रहा हूं। मैं अभी बहुत खुश हूं।’

गंभीर ने अपने बयान से सनसनी मचा दी

गौतम गंभीर ने कहा कि उनकी कोचिंग का आधार टीम को व्यक्तिगत खिलाड़ी से ऊपर रखना है। गौतम गंभीर ने कहा, ‘अगर आपका इरादा टीम को किसी व्यक्ति से पहले रखने का है, तो चीजें अपने आप ठीक हो जाएंगी। आज नहीं तो कल, कल नहीं तो किसी और दिन, यह ठीक हो जाएगा। लेकिन अगर आप एक या दो खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करने में मदद करते हैं, तो इससे आपकी टीम को ही नुकसान होगा।’

कुछ मौकों पर गौतम गंभीर ने भारत की कप्तानी भी की

गौतम गंभीर ने कहा, ‘मेरा काम व्यक्तिगत खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करवाना नहीं है। बल्कि, एक मेंटर के तौर पर मेरा काम KKR को जीत दिलाना था। मेरे लिए गुरु मंत्र टीम को पहले रखना है। मेरा मानना ​​है कि किसी भी टीम खेल में टीम को सर्वोपरि रखने की विचारधारा सबसे महत्वपूर्ण है।’ गंभीर ने कुछ मौकों पर भारत की कप्तानी भी की। इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि उनके लिए टीम के सभी सदस्यों के साथ समान व्यवहार करना महत्वपूर्ण है।

टीम सबसे ज्यादा मायने रखती है

गौतम गंभीर ने कहा, ‘टीम के खेल में टीम सबसे ज्यादा मायने रखती है। खिलाड़ी भूमिका निभाते हैं, व्यक्तिगत खिलाड़ी योगदान देते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि अगर 11 लोगों के साथ समान व्यवहार किया जाए और अगर 11 लोगों को समान जिम्मेदारी मिले, तो आप अभूतपूर्व सफलता हासिल करेंगे। आप भेदभाव नहीं कर सकते।’

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