UCC (यूनिफार्म सिविल कोड) को लेकर पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है। इन सब के दौरान असदुद्दीन ओवैसी AIMIM के चीफ और हैदराबाद के संसद ने बयान दिया है। ओवैसी ने यह बात कहते हुए कहा है हमने लॉ कमीशन को अपना रेस्पॉन्स और इन सब के साथ साथ रिटायर्ड जस्टिस गोपाल गौड़ा का लीगल ओपिनियन भी साथ भेजा है। इन रेस्पॉन्स को तैयार करने में सुप्रीम कोर्ट के निजाम पाशा द्वारा मदद की गयी है।
ओवैसी का बयान यूसीसी के खिलाफ
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि नोटिफिकेशन के लॉ कमीशन के द्वारा जनता के विचार पूछे गए थे। इन सब का कोई प्रपोजल नहीं दिया गया था। लॉ कमीशन 5 साल बाद फिर से UCC पर एक्सरसाइज कर रहा है, यह हर बार होता है चुनाव के समय ताकि भाजपा को इसका फायदा हो सके, ओवैसी का कहना है कि यह एक राजनीतिक षड्यंत्र है ताकि जनता का ध्यान बेरोजगारी, मेहगाई इत्यादि से हटा दिया जाए और उत्तराखंड में UCC को लेकर जो भी कमेटी बनाई गयी है। वह आर्टिकल 144 का सीदा -सीदा उल्लंघन है।
थोपा जा रहा है मुसलमानों पर यूसीसी
असदुद्दीन ओवैसी ने UCC के खिलाफ बोलते हुए कहा है कि मुसलमानों में कुबूल है बोला जाता है। लेकिन ऐसा हिन्दुओं में नहीं है। जब सारे रिचुअल हो जाते है तब शादी को पूरा माना जाता है। इस्लाम लॉ के अनुसार शादी टूटने पर एक औरत को ज्यादा अधिकार मिलता है। इस्लाम धर्म में महिला को पिता और पति दोनों से सम्पत्ति का अधिकार दिया जाता है। हिन्दू धर्म में महिलाओं को ये सब अधिकार नहीं मिलते और इस्लाम में सबसे पहले महिलाओं को सम्पत्ति में अधिकार देते है। ओवैसी ने कहा इन सब विचारो को मुसलमानों पर थोपा जा रहा है।