क्या आम आदमी पार्टी का अस्तित्व हो सकता हैं समाप्त

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अगस्त 2011 अन्ना आंदोलन से निकली और नवंबर 2012 में गठित आम आदमी पार्टी ने बेहद कम समय में ही लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया था। 10 अप्रैल 2023 को राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा हासिल करने के बाद से ही अरविंद केजरीवाल के ‘राजनीतिक आदर्शों’ के साथ-साथ उनकी उन योजनाओं को श्रेय दिया जा सकता है जिसे उन्होंने लागू किया और जिनके बल पर पार्टी ने आम लोगों के दिलों में अपने लिए खास जगह बना ली, लेकिन इन योजनाओं की लोकप्रियता के बीच अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में एक ऐसी शराब नीति की घोषणा की, जिसके कारण आज न केवल उनके कई शीर्ष नेता जेल में बंद हैं, बल्कि माना जा रहा है कि इसकी आंच अरविंद केजरीवाल तक भी पहुंच सकती है। आम आदमी पार्टी पर यह खतरा कितना बड़ा है इसका अनुमान लगाना मुश्किल हैं और क्या अरविंद केजरीवाल भी इस मामले में जेल जा सकते हैं, या आम आदमी पार्टी की मान्यता भी रद्द हो सकती है?    

आम आदमी पार्टी सरकार ने 22 मार्च 2021 को दिल्ली के लिए नई शराब नीति की घोषणा की थी। जिसके बाद 17 नवंबर 2021 को सिसोदिया ने नई शराब नीति लागू कर दिया। नई नीति में व्यवसायियों को भारी छूट देने के साथ-साथ गली-मोहल्लों में शराब की दुकानें खोलने, शराब की होम डिलीवरी कराने और मॉल में शराब की बिक्री देने की अनुमति शामिल थी। शराब पीने की उम्र घटाना, शराबबंदी के दिनों की संख्या घटाने से लेकर शराब कंपनियों को खुदरा बिक्री क्षेत्र में अनुमति देने सहित इस शराब नीति में कई ऐसे प्रावधान लागू किये गए जिनको लेकर विरोध शुरू हो गया।  

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